बच्चे पारम्परिक स्टाइल के खिलौने से ख़ुश नहीं हैं। बच्चे पारम्परिक स्टाइल के खिलौने से ख़ुश नहीं हैं।
जितने भी प्लान बनाए थे, सभी सामूहिक चर्चा में निर्णय का इंतज़ार कर रहे हैं। जितने भी प्लान बनाए थे, सभी सामूहिक चर्चा में निर्णय का इंतज़ार कर रहे हैं।
"..कौन हो तुम बदतमीज ! ..अभी बताती हूँ... " "..नही अंजलि ! ...तुम रूको मैं बात करता हूँ... " "..कौन हो तुम बदतमीज ! ..अभी बताती हूँ... " "..नही अंजलि ! ...तुम रूको मैं बात ...
कब ये एक से दो ओर दो से चार ओर चार से पेकेट की गिनती पर आ गई। कब ये एक से दो ओर दो से चार ओर चार से पेकेट की गिनती पर आ गई।
समय, समय की बात है। हमें अच्छा ही सोचना चाहिए। संडे तो मनोरंजन के लिए होता है, चल़ो समय, समय की बात है। हमें अच्छा ही सोचना चाहिए। संडे तो मनोरंजन के लिए होता है,...
लेखक : अलेक्सांद्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : अलेक्सांद्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।